पार्सल डिलीवरी की साधारण सी दुनिया अब एक शातिर और आर्थिक रूप से विनाशकारी ऑनलाइन घोटाले का अड्डा बन गई है - "कूरियर स्कैम." यह स्कीम भोले-भाले व्यक्तियों, खासकर बुजुर्गों और ऑनलाइन खतरों से अपरिचित लोगों को, उनके विश्वास और डर का फायदा उठाकर लूटती है।
कैसे करते हैं धोखाधड़ी?
धोखेबाज अपनी शिकार से आमतौर पर फोन कॉल या मैसेज के जरिए संपर्क करते हैं, वे खुद को किसी मशहूर कूरियर कंपनी (जैसे, फेडेक्स, डीएचएल) या यहां तक कि कस्टम अधिकारियों के अधिकारी होने का नाटक करते हैं। वे झूठ का जाल बुनाते हैं, अक्सर दावा करते हैं कि उन्होंने पीड़ित के नाम पर भेजे गए एक संदिग्ध पैकेज को रोक लिया है। धोखेबाज के कहानी के अनुसार, इस पैकेज में ड्रग्स या तस्करी का सामान जैसी अवैध चीजें हैं, जो पीड़ित को एक आपराधिक कृत्य में फंसाती हैं।
डर और भ्रम फैल जाता है। धोखेबाज इस कमजोरी का फायदा उठाते हैं, कानूनी नतीजों का डर दिखाते हैं और "अपना नाम साफ करने" की सख्त जरूरत बताते हैं। फिर वे निर्देशों की एक श्रृंखला जारी करते हैं, पीड़ित को निर्देश देते हैं:
सहयोग साबित करने और गिरफ्तारी से बचने के लिए "सुरक्षित खातों" में पैसा ट्रांसफर करें।
"सत्यापन" के लिए बैंक खाता संख्या और आधार कार्ड की जानकारी जैसे व्यक्तिगत विवरण साझा करें।
"सुरक्षा प्रोटोकॉल सक्रिय करने" की आड़ में संदिग्ध ऐप डाउनलोड करें या अज्ञात लिंक्स पर क्लिक करें।
बेंगलुरु का एक दुखद मामला:
हाल ही के एक मामले में, बेंगलुरु के एक बुजुर्ग इस घोटाले का शिकार हो गए, जिन्होंने आश्चर्यजनक रूप से 1.52 करोड़ रुपये खो दिए। धोखेबाजों ने मुंबई पुलिस अधिकारियों का रूप धारकर, मादक पदार्थ तस्करी के पैकेज के बारे में एक कहानी गढ़ी, पीड़ित को कई हफ्तों तक पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। यह दिल दहलाने वाली घटना न केवल आर्थिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी ऐसे घोटालों के विनाशकारी प्रभाव को उजागर करती है।
चौंकाने वाले आंकड़े:
भारत में कूरियर घोटालों में भारी वृद्धि देखी गई है, देश भर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। यहां कुछ डरावने आंकड़े दिए गए हैं:
नुकसान: हर घोटाले में औसतन पीड़ित 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक खो देते हैं, कुछ मामलों में तो यह करोड़ों में भी पहुंच जाता है।
लक्ष्य: वरिष्ठ नागरिक, सीमित ऑनलाइन अनुभव वाले व्यक्ति और छोटे शहरों में रहने वाले लोग विशेष रूप से कमजोर होते हैं।
धोखेबाजों की रणनीति: आधिकारिक भाषा का इस्तेमाल, झूठी जल्दबाजी और भावनात्मक हेरफेर आम रणनीति है।
अपने आप को कैसे बचाएं:
सतर्क रहें: अनहोनी कॉलों या मैसेजों से सावधान रहें, खासकर अनजान नंबरों से।
पहचान की पुष्टि करें: किसी भी दावे की पुष्टि के लिए हमेशा सीधे आधिकारिक कूरियर कंपनी या अधिकारियों से संपर्क करें।
कभी भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: बैंक विवरण, आधार नंबर या किसी अन्य संवेदनशील डेटा
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