1. UIDAI के पास मेरी बायॉमीट्रिक डेटा के अलावा बैंक अकाउंट, PAN आदि सबकुछ है, क्या इनका इस्तेमाल मेरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा?
बिलकुल गलत। UIDAI के पास केवल ये जानकारियां हैं-आपका नाम, अड्रेस, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर, 10 उंगलियों के निशान, पुतलियों का स्कैन, चेहरे की तस्वीर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी। UIDAI के पास आपके परिवार, जाति धर्म, शिक्षा, बैंक अकाउंट, शेयर म्युचुअल फंड, फाइनैंशल और प्रॉपर्टी डीटेल्स, हेल्थ रेकॉर्ड नहीं है और ना कभी होगा। आधार ऐक्ट 2016 का सेक्शन 32(3) UIDAI को किसी व्यक्ति की जानकारियों को एकत्रित करने और नियंत्रित करने से रोकता है।
2. लेकिन जब मैं अपना बैंक अकाउंट, शेयर, म्यूचुअल फंड्स और मोबाइल नबर को आधार से जोड़ता हूं तो UIDAI के पास ये जानकारियां नहीं होंगी?
बिलकुल नहीं। जब आप अपना आधार नंबर अपने बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड कंपनियों और मोबाइल फोन कंपनियों को देते हैं तो वे केवल आपका आधार नंबर, बायॉमीट्रिक और नाम आदि आपकी पहचान सत्यापन के लिए UIDAI को भेजते हैं। बैंक अकाउंट या अन्य डीटेल्स को UIDAI को नहीं भेजा जाता है। जहां तक UIDAI का सवाल है यह इस तरह की वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट का जवाब 'हां' या 'ना' में देता है। यदि वेरिफिकेशन का जवाब 'हां' है तो आपकी बेसिक KYC डीटेल्स (नाम, अड्रेस, फोटो आदि) सर्विस प्रोवाइडर को दी जाती है।
3. यदि कोई मेरा आधार नंबर जान ले तो इसका इस्तेमाल मेरे बैंक अकाउंट को हैक करने के लिए कर सकता है?
पूरी तरह गलत। जिस तरह केवल आपके एटीएम कार्ड के नंबर से कोई एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकता है उसी तरह केवल आपके आधार नंबर से कोई ना तो आपके बैंक अकाउंट को हैक कर सकता है और ना ही पैसे निकाल सकता है। आपका बैंक अकाउंट पूरी तरह सेफ है जब तक आप किसी को अपना पिन/ओटीपी नहीं देते। पूरी तरह निश्चिंत रहें। आधार की वजह से अभी तक एक भी आर्थिक नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया है।
4. मुझे क्यों कहा जा रहा है कि अपने सभी बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करें?
आपकी अपनी सुरक्षा के लिए यह जरूरी। सभी बैंक खाताधारकों के लिए पहचान वेरिफाइ कराना जरूरी है और आधार से लिंक करने पर यह साफ हो जाएगा कि अकाउंट का इस्तेमाल कोई धोखेबाज, अपराधी या मनी लॉन्ड्रर्स तो नहीं कर रहा है। जब हर अकाउंट वेरिफाइ हो जाएगा और आधार से जुड़ जाएगा तब यदि कोई धोखे से आपके अकाउंट से पैसे निकालता है तो उसे पकड़ना आसान हो जाएगा। इसलिए अकाउंट को आधार से जोड़ने पर यह अधिक सुरक्षित हो जाएगा।
5. मुझे मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने के लिए क्यों कहा जा रहा है?
आपकी और देश की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है कि सभी मोबाइल यूजर्स का वेरिफिकेशन हो और आधार से जोड़ने पर धोखाधड़ी करने वाले, अपराधी या मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के नंबर बंद हो जाएंगे। यह पाया गया है कि अधिकतर अपराधी, आतंकवादी फर्जी पहचान या किसी व्यक्ति की जानकारी के बिना उसकी आईडी का इस्तेमाल कर सिम खरीदते हैं और वारदात को अंजाम देते हैं। जब हर मोबाइल नंबर आधार से लिंक हो जाएगा तब धोखेबाज, अपराधी और आतंकवादियों के मोबाइल नंबर की पहचान और उनको कानून के दायरे में लाना आसान हो जाएगा।
6. क्या मोबाइल कंपनी सिम वेरिफिकेशन के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर कर लेती है और बाद में इसका इस्तेमाल दूसरे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है?
नहीं ऐसा नहीं हो सकता है। मोबाइल कंपनियां आधार वेरिफिकेशन या लिंकिंग के दौरान लिए गए बायॉमीट्रिक डीटेल्स को स्टोर नहीं कर सकती हैं। बायॉमीट्रिक डेटा इनक्रिप्टेड होता है, जैसे ही आप अपनी उंगली फिंगरप्रिंट सेंसर पर रखते हैं यह इनक्रिप्टेड डेटा वेरिफिकेशन के लिए UIDAI को भेज दिया जाता है। आधार (आउथेंटिकेशन) रेग्युलेशन 2016 के अनुसार बैंक, मोबाइल कंपनियों आदि को किसी भी कारण से किसी व्यक्ति का फिंगर प्रिंट स्टोर या किसी अन्य के साथ साझा नहीं कर सकती हैं। इस नियम का उल्लंघन दंडनीय अपराध है।
7. बैंकिंग, मोबाइल, पैन और दूसरी सर्विसेज के लिए NRI को आधार की जरूरत है?
आधार केवल भारतीय नागरिकों के लिए है। NRI आधार नहीं प्राप्त कर सकते हैं। NRI के लिए बैंक या मोबाइल कंपनियों को आधार देने की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल बैंक या अन्य सर्विस प्रोवाइडर को जानकारी उपलब्ध करानी है कि वे NRI हैं।
8. आधार के लिए गरीबों को पेंशन और राशन जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा रहा है?
नहीं। सेक्शन 7 में यह स्पष्ट किया गया है कि जब तकि किसी व्यक्ति को आधार का नंबर नहीं मिल जाता तब किसी को राशन, पेंशन और अन्य जरूरी सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है और ऐसे लोगों की पहचान संबंधित विभाग दूसरे पहचान पत्रों के जरिए कर सकता है। यदि किसी विभाग में आपको आधार की कमी की वजह से किसी सेवा से वंचित किया जा रहा है तो आप इसकी शिकायत संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से कर सकते हैं।
9.कुछ एजेंसियां ई-आधार स्वीकार नहीं कर रही हैं। वे ऑरिजनल आधार पर क्यों जोर दे रही हैं?
UIDAI वेबसाइट से डाउनलोड ईआधार ऑरिजनल आधार के बराबर ही वैलिड है। यदि कोई इसे लेने से इनकार कर रहा है तो संबंधित वरिष्ठ अधिकारी या विभाग में इसकी शिकायत की जानी चाहिए।
10. आधार से आम आदमी को कैसे लाभ मिला है?
आधार ने पुख्ता पहचान के साथ 119 करोड़ भारतियों को सशक्त किया है। सच्चाई यह है कि आज आधार भारत में किसी अन्य पहचानपत्र के मुकाबले अधिक विश्वसनीय है। उदाहरण के तौर पर यदि आप एक नियोक्ता हैं तो आप किसी कर्मचारी के किस पहचानपत्र को प्राथमिकता देंगे? या फिर अपने घरेलू सहायक, ड्राइवर, स्लम में रहने वाले गरीबों और ग्रामीणों से पूछिए कि नौकरी पाने, बैंक अकाउंट खोलने, ट्रेन टिकट बुक कराने या फिर अन्य सरकारी सुविधा के इस्तेमाल के लिए वे किस तरह आधार का पहचान के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। आप उनसे पूछें तो वे बताएंगे कि किस तरह आधार ने उन्हें सशक्त किया है।
11. हम मीडिया में यह बात सुनते हैं कि आधार डेटा में सेंध लग गई, क्या यह सच है?
अस्तित्व में आने के 7 साल में आधार डेटाबेस में कभी सेंध नहीं लगी है। सभी आधार धारक का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। आधार डेटा सेंध की अधिकतर खबरों में गलत जानकारी दी गई। UIDAI आपकी डेटा को सुरक्षित रखने के लिए अडवांस सिक्यॉरिटी टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करता है और आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार अपडेट कर रहा है।
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