आपके बैंक अकाउंट पर साइबर जालसाजों की नजर है। आपकी जरा सी लापरवाही से बैंक में सेव जिंदगी भर के मेहनत की कमाई कुछ सेकेंड में ही साइबर क्रिमिनल गायब कर दे रहे हैं। कई बार तो आपकी कोई गलती भी नहीं होती है और फिर भी पैसे निकल जाते हैं। ऐसे में रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जारी गाइडलाइंस के बारे में जानेंगे और उसके आधार पर समय पर शिकायत कर देंगे तो जालसाजी वाले पैसे काफी हद तक आपको 10 दिनों के भीतर मिल जाएंगे। अभी लोगों की लापरवाही इस कदर है कि हर 10 में से 8 लोग अपनी लापरवाही से ही अकाउंट की डिटेल बताकर या ओटीपी बताकर खुद को ठगी का शिकार बन रहे हैं।
बैंक के बजाय आपने की लापरवाही तब नहीं मिलेंगे पैसे
आपको यह जानना जरूरी है कि बैंक से ठगी हो चुके पैसे तभी वापस मिलते हैं जब जालसाजी के दौरान आपकी तरफ से लापरवाही नहीं हो। मसलन, कई बार जालसाज आपको कोई लालच देकर ओटीपी पूछ लेते हैं और फिर पैसे निकाल लेते हैं। ऐसे में बैंक आपके पैसे रिटर्न नहीं करेगा। साथ ही अगर आप किसी के बहकावे में आकर किसी को अपने डेबिट कार्ड का पिन नंबर शेयर करते हैं तो भी फर्जीवाड़ा होने पर बैंक आपको कोई पैसा नहीं लौटाएगा।
अगर आपके बैंक खाते से पैसे निकल जाएं तो ये 3 तरीके अपनाएं…
1 – ठगी होने के 3 दिन के अंदर की शिकायत तो मिल जाएंगे 100 फीसदी पैसे
अगर आपके बैंक खाते से किसी भी तरह की बैंकिंग सिस्टम की लापरवाही के चलते पैसे निकल जाता है या जालसाजी करता है तो 3 दिन के अंदर बैंक में जरूर शिकायत करें। ध्यान रहे कि ये तीन दिन कामकाजी होंगे। अगर कोई रविवार या छुट्टी पड़ जाती है इसमें उसे शामिल नहीं किया जाएगा। अगर आप तीन दिन के भीतर शिकायत दर्ज करा देते हैं तो बैंक 10 दिनों के भीतर आपके पूरे पैसे लौटा देगा। हालांकि ये शेडो क्रेडिट होता है जिसे अकाउंट में क्रेडिट होने मेंं अधिकतम 90 दिनों का भी समय लग सकता है।
2- ठगी के 3 दिन बाद या 4-7 दिन के भीतर ही कर दी शिकायत तो सिर्फ 25 हजार तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है
आरबीआई का निर्देश है कि अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 3 दिन बाद और 4 से 7 दिन के भीतर शिकायत की जाती है तो ग्राहक को 25 हजार रुपये तक का खुद ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। बाकी आपसे हुई ठगी के पैसे वापस मिल सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी कई शर्तें हैं। जिसके बारे में आपको बैंक से ही पूरी जानकारी मिल सकेगी।
3 – अगर 7 दिन बाद की शिकायत तो लाखों-करोड़ों की ठगी में भी सिर्फ मिल सकते हैं 10 हजार रुपये
ठगी के जरिए आपके पैसे निकल जाने के 7 दिन के बाद अगर आप शिकायत करते हैं तो बैंक में जालसाजी के लिए गठित किए हुए बोर्ड की मीटिंग और उसके तय फैसले से ही ग्राहक को पैसे लौटाए जाते हैं। मगर ध्यान रहे कि इसमें चाहे लाखों व करोड़ों का फ्रॉड या कोई अन्य तो भी बैंक की अधिकतम देनदारी 10 हजार रुपये तक की होगी। इसमें ध्यान रहे कि अगर मामला साइबर क्राइम से जुड़ा है तो उसकी पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराना जरूरी है।
ऐसी लापरवाही जिसमें भले आपसे लाखों-करोड़ों ठग लिए जाएं, बैंक आपको 1 रुपये भी नहीं लौटाएगाा
1- किसी जालसाज की बातों में आकर खुद ही बता दिया OTP
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि अगर कोई ग्राहक किसी लालच में आकर या अन्य तरीके से ओटीपी, सीवीवी या डेबिट कार्ड नंबर किसी को बता देता है और पैसे निकल जाते हैं तो बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। ऐसे मामलों में भले आपसे लाखों रुपये ठग लिए जाए लेकिन बैंक आपको 1 रुपये भी नहीं लौटाएगा।
2- Ani Desk या Quick Support जैसे रिमोट ऐप डाउनलोड कर दी जानकारी
आजकल जालसाज किसी बैंक से मिले जुले नाम से अपने मोबाइल नंबर को कस्टमर केयर का बताकर ट्विटर या किसी फर्जी वेबसाइट पर डाल देते हैं। इसके अलावा Ani Desk जैसे मोबाइल ऐप भी डाउनलोड कराकर पैसे निकाल ले रहे हैं। इस तरह की लापरवाही में बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और आपको 1 रुपये भी नहीं मिलेंगे।
3- लोन या बैंक से जुड़े डॉक्युमेंट लेकर किया हो फर्जीवाड़ा
कई बार आपसे लोन या एलआईसी या गाड़ी इंश्योरेंस या अन्य काम के लिए आधार कार्ड, एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड व फोटो की डिटेल ली जाती है। मगर आप सिर्फ उस पर साइन कर दे देते हैं और जालसाज उसके आधार पर क्रेडिट कार्ड या कोई अन्य तरीके से फर्जीवाड़ा कर ले तो भी बैंक की जिम्मेदारी नहीं होगी। इसलिए जब कभी अपने कागजात किसी को दें तो उस पर बड़े शब्दों में उस पर ये जरूर लिखें कि ये किस काम के लिए दे रहे हैं। मान लीजिए आपने HDFC बैंक में होम लोन के लिए कागजात दिए हैं तो अपने डॉक्युमेंट पर ये जरूर लिखें कि This is Only For HDFC home loan।
इन तरीकों से भी हो रही है जालसाजी..रहें अलर्ट
– होटल, रेस्तरां या शॉपिंग सेंटर में डेबिट कार्ड को स्किमर डिवाइस से क्लोन कऱ पैसे निकालें जा रहे हैं, इसलिए सावधान रहें
-दरअसल, इस फर्जीवाड़े में आपका ध्यान भटकाकर सेल्समैन आपके कार्ड को छुपाए स्किमर डिवाइस में स्वाइप कर लेेते हैं और फिर जब पेमेंट के लिए पिन नंबर डालते हैं तो उसे वहां लगे सीसीटीवी कैमरे से देख लेते हैं
– जालसाज फोन पर बैंक अकाउंट, एटीएम या क्रेडिट कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने या केवाईसी के बहाने ओटीपी पूछ करते हैं फर्जीवाड़ा
– कार्ड को अचानक ब्लॉक बताकर या फिर नए ऑफर के साथ पुराने कार्ड को रिन्यू कराने के नाम पर भी ओटीपी लेकर फर्जीवाड़ा करना
– एटीएम बूथ में हिडन कैमरा और स्किमर डिवाइस लगाकर कार्ड की डिटेल लेकर फर्जीवाड़ा करना
– ऐसा भी होता है कि जालसाज बैंक या थर्ड पार्टी की मिलीभगत से डुप्लिकेट कार्ड या चेकबुक जारी कराकर फर्जी साइन के जरिए पैसे निकाल लेते हैं
– बैंक में फर्जी तरीके से साइन कर नया एटीएम कार्ड जारी कराकर या फिर बैंक की लापरवाही से रुपए का ट्रांजैक्शन का हो जाना
इन बातों का रखें ध्यान
– अगर आप एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो फोन बैंकिंग जरूर अपडेट करें और अपना फोन नंबर अपडेट रखें।
-फोन बैंकिंग अपडेट नहीं होने पर फर्जीवाड़ा होने पर आपको रिटर्न मिलने में बड़ी दिक्कत हो सकती है।
– किसी भी तरह से खुद ओटीपी नंबर या कार्ड की डिटेल शेयर नहीं करें। अगर फ्रॉड हो जाए तो 3 दिन के भीतर बैंक में जरूर शिकायत करें।
– आप हमेशा बैंक में लगे एटीएम बूथ से ही पैसे निकाले और यह भी देखें कि वहां सिक्योरिटी रहती हो।
Comments